ट्रॉफी विजेता
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जानिए 8 भारतीय गेमर्स के बारे में

जब भारतीय ईस्पोर्ट्स की बात होती है, बड़े कद के महज़ चंद गेमर्स का नाम सामने आता है. जानिए डोटा 2, CS:GO और अन्य खास गेम्स के टॉप गेमर्स के बारे में
सोहम राणा (मूल अंग्रेजी से अनुवादित लेख) द्वारा लिखित
4 मिनट पढ़ेPublished on
भारतीय ईस्पोर्ट्स का दृश्य परवान चढ़ रहा है. हर गुजरते इवेंट के साथ इसका क्षितिज आगे बढ़ता जा रहा है. बड़े पुरस्कार पूल के साथ ये खेल भी शानदार हो चुका है. शानदार खेल के साथ ज़बरदस्त खिलाड़ी भी सामने आए हैं. इससे पहले भारतीय ईस्पोर्ट्स में इतने टैलेंट्स कभी नज़र नहीं आए. अब वो वक्त आने वाला है जब हम इन क्षमतावान खिलाड़ी को पहचानें और फ्यूचरस्टार्स को इसका क्रेडिट दें.
अंकित "V3nom" पंथ भारत के सबसे लोकप्रिय गेमर और स्ट्रीमर में से एक है.

अंकित "V3nom" पंथ

© अंकित पंथ

अंकित “V3nom” पंत – काउंटर-स्ट्राइक: ग्लोबल ऑफेंसिव

अंकित पंत ने अपनी निष्ठा और विनम्रता से प्रोफेशनल गेमर बनने के सपने को सच किया है. मिडिल क्लास परिवार से आने वाले अंकित ने अपने करियर को बनाने के लिए कठिन मेहनत की, उन्हें माता-पिता का भी सहयोग मिला. एक सफल गेमिंग करियर के अलावा, वो जिंग (Djing) में हाथ घुमाने और फिटनेस को लेकर अपने समर्पण के लिए भी जाने जाते हैं. वह कहते हैं, “एक वक्त था जब लोग मुझे खराब प्रभाव डालनेवाला मानते थे क्योंकि मैं कंप्यूटर गेम खेला करता था, उन्हें लगता था कि मैं अपनी ज़िंदगी बर्बाद कर रहा हूं और इससे कुछ कमाई नहीं कर पाऊंगा. मुझे खुशी है कि मैंने उन्हें गलत साबित कर दिया.”
सारांश ने पुणे में एक स्थानीय टूर्नामेंट के साथ शुरुआत की जिसे उन्होंने शानदार अंदाज में जीता और फिर पेशेवर बनने का फैसला किया.

सारांश जैन

© सारांश जैन

सारांश जैन – FIFA

सारांश को पता नहीं था कि वे कभी प्रोफेशनल बन पाएंगे या नहीं. वह कहते हैं, “ये सब पुणे में हुए एक लोकल टूर्नामेंट से शुरू हुआ जहां मैं अपने दोस्तों के साथ भाग लेने गया था. मैंने प्रभावी तरीके से प्रदर्शन करते हुए टूर्नामेंट को जीत लिया और कुछ समय तक अजेय बना रहा, तब मुझे ये लगा कि ये मेरे लिए उपयुक्त है.” वह आगे कहते हैं, “मुझे अपनी पढ़ाई और गेमिंग में संतुलन बनाने की ज़रूरत है इसका मतलब है कि मुझे दोनों फील्ड में नुकसान होगा.” सारांश की नज़र एशिया में बेस्ट बनने पर है.

कृष “MooN” गुप्ता – डोटा 2

कृष की कहानी शानदार है. उन्होंने आठ साल की उम्र में शुरुआत डोटा 1 से की, इस बीच उनकी ज़िंदगी में कई बदलाव हुए, लेकिन इस गेम के लिए उनकी निष्ठा कायम रही. वह एक साल तक सोलो रैंक्ड वॉरियर बने रहे और उसके बाद लोगों को पता चला कि महज़ 13 साल की उम्र में वे 4k का MMR हासिल कर चुके हैं. उन्हें एंटिटी ईस्पोर्ट्स से स्कॉलरशिप मिला. आज, वे SEA में 7k ब्रैकेट को तोड़ चुके हैं और महज़ 16 साल की उम्र में एंटिटी गेमिंग के एक्टिव स्क्वॉड के प्लेयर हैं.

अमित “ज़फेटो” मालवाल – डोट 2

अमित का वीडियो गेम्स से परिचय पांच साल की उम्र में टॉम्ब रेडर के मार्फत हुआ. 13 साल की उम्र में जब उन्होंने डेटा 2 को आजमाया तो ये उनका जुनून बन गया. A-स्टार स्टूडेंट होने के बावजूद उन्होंने गेमिंग को अपनी ज़िंदगी बना ली. फिलहाल ज़फेटो एंटिटी गेमिंग के लिए पोजिशन 4 खेलते हैं. वह कहते हैं, “मेरी ज़िंदगी में ऐसी कई घटनाएं हुईं जिसने मेरे करियर च्वॉइस पर सवाल खड़े किए. मुझे खुशी है कि मैं ऐसी जगह पर हूं जहां मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मेरा रास्ता सही है.”
सिमर सेठी अपनी स्ट्रीमिंग हरकतों के लिए जाने जाते हैं जो गेमिंग को मनोरंजक बनाता है.

सिमर "Psy" सेठी

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सिमर “Psy” सेठी – काउंटर स्ट्राइक: ग्लोबल ऑफेंसिव

“12 साल पहले मैं अपने परिवार के साथ मुंबई रहने आ गया, उस वक्त मेरे सारे दोस्त काउंटर-स्ट्राइक: ग्लोबल ऑफेंसिव को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते. कुछ दिनों के बाद, मेरे एक दोस्त ने मेरे लिए CSGO की एक कॉपी खरीदी, इस पर कुछ वक्त बिताने के बाद मैं इससे चिपक गया.” तब से अबतक 20 साल के सिमर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह आज भारत के एलीट प्लेयर्स में शामिल हैं.

आदित्य “स्पैमी” सिंह नथावट – फोर्टनाइट

आदित्य के लिए ये सब अपने दोस्तों को एक लोकल कैफे में काउंटर-स्ट्राइक खेलते हुए देखने के साथ शुरू हुआ. उन्होंने इस गेम की कुछ झलकियां देखी और वही उन्हें ईस्पोर्ट्स के सफर में ले आया. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. स्पैमी की हमेशा से ये ख्वाहिश थी कि वे अपने गेम में औरों से बेहतर हों. चाहे ये वर्ल्ड ऑफ वॉरक्राफ्ट हो या फ्रंटलाइन, जीतना और आगे बढ़ना ही उनके लिए सबकुछ है. वह कहते हैं, “ मेरा मौजूदा लक्ष्य है यूट्यूब चैनल खोलना और आगामी फोर्टनाइट वर्ल्ड कप के लिए जमकर ट्रेनिंग करना.”
वत्सल "NGHTMRE2K" उनियाल ने 12 साल की उम्र में गेमिंग शुरू की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

NGHTMRE2K

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वत्सल "NGHTMRE2K" उनियाल – ओवरवॉच

वत्सल कहते हैं, “मैंने जब वीडियो गेम्स की शुरुआत की तब मैं 12 साल का था. स्कूल के साथियों के साथ शाम में खेलना और वीकेंड में क्रिकेट कोचिंग छोड़ना मेरे लिए सबसे बड़ा अवरोध था.” एक दिन यूट्यूब पर उन्होंने काउंटर-स्ट्राइक 1.6 फ्रैग मूवी देखी जिसके बाद वे इस गेम के शौकीन हो गए. इसके बाद वे इसे नए उत्साह के साथ खेलने लगे जो बाद में उनका जुनून बन गया. उन्होंने इस गेम की सारी प्रक्रियाओं को करीब से सीखा जिससे इस गेम से उनका एक रिश्ता बन गया. इसमें पेशेवर बनने की प्रेरणा उन्हें NVIDIA GeForce कप जीतने से मिली.
क्रूज़ी ने 4 साल की उम्र में अटारी और N64 के साथ गेमिंग शुरू की थी

क्रूज़ी

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अमन “Cruzi” विवेक – ओवरवॉच

अमन ने वीडियो गेम खेलने की शुरुआत चार साल की उम्र से की. वह अपने एक दोस्त के साथ लकड़ी के एक स्टूल पर बैठकर घंटों तक अटारी, N64 और स्मैश ब्रोस खेला करते थे. “दूसरी कक्षा में मेरे पिता ने मेरा परिचय पीसी गेमिंग से कराया. मैंने डेव, नीड फॉर स्पीड और टॉम्ब रेडर सीखी. ये दिलचस्प अनुभव था!” वो कैसे प्रो बने इसकी भी एक कहानी है. “मुझे एक कैफे टीम ने GeForce Cup खेलने का निमंत्रण दिया. मेरा शुरुआती लक्ष्य था अपना बेस्ट ट्राई करना. ये सफल रहा और मुझे प्लेयर्सईस्पोर्ट्स ने हैदराबाद में होने वाले टूर्नामेंट के लिए अनुबंधित कर लिया. हम टूर्नामेंट जीत गए, इसके बाद कई और मौके मिलते चले गए, आज की तारीख में मेरी गिनती भारत के टॉप प्लेयर्स में होती है.”
भारत के टॉप प्लेयर्स से कई महत्वपूर्ण बातों को चुना जा सकता है. कइयों ने इसे उत्साह के साथ शुरू किया और इसे ही अपना करियर बना लिया. कुछ ने दूसरे शौक के लिए निष्ठा दिखाई और अपने फेवरेट गेम्स के लिए वक्त निकालते रहे. सबने अपनी जगह बनाने के लिए कठिन मेहनत और संघर्ष किया. फेकर, डेस्टिनी, फैटल1ty, जैसे इंटरनेशनल स्टार्स ने खूब शोहरत कमाई है, लेकिन भारत के टॉप प्लेयर्स भी अपने अभियान और महत्वाकांक्षा में कहीं कम नहीं हैं.