पिछले एक दशक में भारतीय हिप-हॉप कल्चर में कुछ ही कलाकार अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. नैज़ी उर्फ नावेद शेख उनमें से एक ऐसे ही कलाकार रहे हैं.
कुर्ला में जन्मे और बड़े हुए रैपर ने पूरे देश में 2014 में अपने गाने ‘आफत’ से तूफान ला दिया था. आफत एक कच्चा और बेहद ईमानदार लेखन था. यह हिप-हॉप गाना फैंस और इंडी सीन के प्रेमियों के बीच जंगल की आग की तरह फैल गया था और देश में अंडरग्राउंड हिप-हॉप को एक बहुत ही जरूरी प्रोत्साहन इससे मिला था.
पहले भी गली रैप और देसी हिप हॉप के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है. भारत की सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं पर तीखी टिप्पणियों को तैयार करने की नैज़ी की क्षमता ने देश भर के श्रोताओं के साथ तालमेल बिठाया. नैज़ी अगली पीढ़ी के हिप-हॉप आर्टिस्ट्स की मदद करने और भारतीया हिप-हॉप के भविष्य को आगे बढ़ाने में हमेशा अव्वल नजर आए हैं. पिछले कुछ सालों में जिस तरह से भारतीय हिप-हॉप ने सभी के बीच एक विस्फोट किया है, इस बात को ध्यान में रखते हुए हम नैज़ी के कैटलॉग के कुछ गीतों पर नज़र डालेंगे जिसने देश में हिप-हॉप कल्चर पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है.
आफत (2014)
इसी ट्रैक से सब शुरु हुआ. यहां पर नैज़ी का विस्फोटक अंदाज एक अडिग, अप्रकाशित भावनाओं के रुप से सामने आया है, जिसने इस नए युवा कवि के गीत लिखने की निपुणता और उर्दू, हिंदी और मुंबई के संयोजन से इंटरनेट बीट पर प्रवाहित करने की अदम्य क्षमता को उजागर किया. दुबई में रह रहे अपने पिता के द्वारा गिफ्ट किए गए आईपैड पर रिकार्ड किया गीत आफत, भारतीय समाज के शहरी वर्ग की आशाओं, महत्वाकांक्षाओं और गुस्से का प्रतिनिधित्व करता है जो इस डिजिटल युग में अपनी आवाज़ ढूँढ रहा था.
‘असल हसल’ (2015)
वर्ष 2015 में दिल्ली में स्थित प्रोडक्शन फिनोम सेज़ ऑन द बीट और नैज़ी के बीच के शुरुआती सेशन से निकला यह बेहतरीन गीत ‘असल हसल‘, एक एक्सरसाइज था जो मुंबई में अथक गति से जी रहे लोगों के लिए बनाया गया था. असल हसल सही मायने में न केवल नैज़ी का एक प्रतिभाशाली गीतकार होना बल्कि एक कलाकार के रुप में भी उनकी क्षमता का सही प्रदर्शन था जो यह बताता है कि अगर उनको सही निर्माता के साथ जोड़ा जाए तो वह लंबे समय तक सुने जाने वाली गीत का अनुभव प्रदान कर सकते हैं.
मेरी गली में 2015
‘बनताई.बच्ची.बमाई.‘ आज भारतीय हिप हॉप जिस जगह पर है कभी न होता अगर हिप हॉप के तीन दिग्गज डिवाइन, नैज़ी और सैज़ के सहयोग ने कमाल न किया होता. “मेरी गली में” ने हुक संगीत की दुनिया में ऐसा तूफान लाया जो मुंबई के अपमार्केट क्लबों के साथ साथ कुर्ला, धारावी और अंधेरी पूर्व की संकरी गलियों में साउंड सिस्टम, स्मार्टफोन्स पर गूंजता रहा. शहर के गरीब और अक्सर उपेक्षित क्षेत्रों में इस गीत का उत्सव उस समय भारतीय हिप-हॉप के रुप में समृद्धि का प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन का जबरदस्त समर्थन था. नेज़ी के प्रदर्शन ने सभी प्रशंसकों का दिल जीत लिया. ये जितना आसान था उतना प्रमाणिक भी.
ट्रेजेडी में कॉमेडी (2016)
जब ऑल इंडिया बकचोद अपनी लोकप्रियता के शिखर पर थे तब उनके व्यंग्यपूर्ण समाचार शो के टाइटल ट्रैक को नैज़ी ने ही तैयार किया था. वर्ग और सांस्कृतिक सीमाओं को पार कर एक ज़बरदस्त हिट बन चुके “मेरी गली में” की अपार सफलता के बाद, एक बार फिर सेज़ और नैज़ी साथ हो गए थे. “ट्रेजेडी में कॉमेडी” रैपर के आत्मविश्वास से भरे वर्जन को दिखाता है क्योंकि उन्होंने अपनी लेखनी से देश के समाजिक और राजनीतिक ताने-बाने का सटीक चित्रण करने का ज़िम्मा उठाया.
तहलका (2016)
तहलका, सेज़ ऑन द बीट और नैज़ी की एक और सफलता रही जिसमें कुर्ला रैपर ने अपनी शैली, स्टाइल, गति की सटीकता का जोरदार प्रदर्शन किया जो उस समय तक उनके काम में नहीं देखा गया था. तहलका देशी हिप हॉप कलाकारों के एक सबसेक्टर का प्रणेता था जो लगभग पूरी तरह से तकनीकी दक्षता पर केंद्रित था. आसान तरीके से प्रभावित होने वाले फैन्स को इंप्रेस करने के लिए पंच लाइनों की गति और स्पष्टता पर ध्यान दिया गया था.