क्रिकेट में तेज़ गेंदबाज़ी करना एक कला है जिसे बहुत पसंद किया जाता है.
कगिसो रबाडा जैसे प्रतिभावान खिलाड़ी कम ही देखने को मिलते हैं, जिन्होंने दुनिया के सबसे मुश्किल टी20 लीग के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ के रुप में पर्पल कैप हासिल की और यह भी दर्शाया की आखिर क्य़ों तेज़ गेंदबाजी में महारत हासिल करना एक आसान राह नहीं है.
तेज़ गेंदबाजी करना शरीर के लिए कोई आसान बात नहीं है इसलिए कम उम्र से ही गेंदबाज़ो को अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने और अपनी फिटनेस पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
अभी हाल ही में हुई रेड बुल कैंपस क्रिकेट इंडिया फाइनल्स में कुछ चुनिंदा तेज़ गेंदबाज़ों ने अपनी काबिलियत का जमकर प्रदर्शन किया और दिखा दिया कि वो कितने अच्छे से अपना काम कर रहे हैं और अब अगले लेवल पर जाने के लिए बिल्कुल तैयार है. रेड बुल कैंपस क्रिकेट जैसे इंटरनेशनल क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलना और अच्छा प्रदर्शन करना ही साबित करता है कि आप जल्द ही अगले मुकाम तक पहुंचेंगे.
कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए इस तरह के टूर्नामेंट्स एक अच्छे प्लेटफॉर्म की तरह हैं जहां वे अपना टैलेंट दिखा सकते हैं और यहीं से टैलेंटेड प्लेयर्स जैसे केएल राहुल, मयंक अग्रवाल, करुण नायर, मनन वोहरा, अनुकूल रॉय जैसे और भी कई खिलाडी निकले हैं. अब आज के युवा पीढ़ी के नए खिलाड़ी भी इसी तरह के टूर्नामेंट की प्रतीक्षा में हैं जिसका इस्तेमाल कर वो भी अपना नाम आगे बढ़ा सकें.
आप आज रेड बुल कैंपस क्रिकेट 2020 इंडिया फाइनल्स के कुछ श्रेष्ठ तेज़ गेंदबाज़ों के बारे में जानेंगे.
1. हरित सचर (डीएवी कॉलेज, जालंधर)
हरित ने डीएवी कॉलेज, जालंधर की पेस बैटरी का नेतृत्व किया. उन्होंने पांच मैचों में 10 विकेट हासिल किए. इस लंबे कद वाले तेज बॉलर ने अपनी गेंदबाज़ी से बल्लेबाज़ों को हैरान परेशान रखा और टूर्नामेंट में 5.6 की इकोनॉमी दर से गेंदबाज़ी की. उन्होंने अपना जोश और जज्बा टूर्नामेंट में डीएव कॉलेज के पहले लीग मैच में ही दिखाया जहां उन्होंने एलजे कॉलेज, अहमदाबाद के खिलाफ सिर्फ 11 रन देकर चार विकेट लिए. उनके प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
2. सौरभ बदसरा (एसएस जैन सुबोध कॉलेज, जयपुर)
सौरभ, एसएस जैन सुबोध कॉलेज, जयपुर के टॉप गेंदबाज़ों में से एक थे और साथ ही आशीष इंदौरिया टूर्नामेंट के श्रेष्ठ स्पिन गेंदबाज भी थे. सौरभ ने रेड बुल कैंपस क्रिकेट 2020 इंडिया फाइनल्स के पांच मैचों में 10 विकेट लिए और 6.2 की इकोनॉमी दर से गेंदबाजी की. हालांकि एसएस जैन सुबोध कॉलेज, डीएवी कॉलेज, जालंधर से हार गया लेकिन सौरभ ने टूर्नामेंट के निर्णायक में पांच विकेट लेकर अपने ए-गेम को फाइनल तक पहुंचाया.
3. पंकज पटेल (डीएवीवी इंदौर)
डीएवीवी इंदौर टूर्नामेंट के फाइनल तक नहीं पहुंच पाया लेकिन पंकज ने चार मैचों के दौरान गेंदबाज़ी का अवसर मिलते ही अपनी काबिलियत सबको दिखा दी. उन्होंने चार मैचों में प्रभावशाली 5.6 की इकोनॉमी दर से कुल आठ विकेट झटके. डीएवीवी इंदौर के पहले ग्रुप मैच में एसएस जैन सुबोध कॉलेज, जयपुर के खिलाफ उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला. पंकज ने केवल चार ओवर में केवल 20 रन देकर चार विकेट झटके.
4. अद्वित शेट्टी (जैन यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु)
रेड बुल कैंपस क्रिकेट 2020 इंडिया फाइनल्स में जैन यूनिवर्सिटी को ग्रुप स्टेज से बाहर होना पड़ा था, इसलिए अद्वित को सिर्फ तीन मैच ही खेलने का ही मौका मिला. उन्होंने 6.51 की इकोनॉमी से केवल तीन मैच में छह विकेट हासिल कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था. उन्होंने अपनी फिटनेस और तेज़ गेंदबाज़ी का सबूत दिया जब उन्होंने जैन यूनिवर्सिटी के तीसरे ग्रुप मैच में डीएवीवी इंदौर के तीन बल्लेबाज़ों का विकेट लिया और 3.1 ओवर्स में केवल 18 रन दिए.