Jehan Daruvala drives around the Bahrain International Circuit as part of F2 testing.
© जेम्स गैस्पेरोटी
फॉर्मूला रेसिंग

पेशेवर मोटरस्पोर्ट्स रेसर बनने के 10 टिप्स

जेहान दारूवाला से हमने उन टिप्स के बारे में जाना जिनकी मदद से नौसिखिया भी संभावित पेशेवर F1 रेसर बन सकता है.
शॉन सिक्वेरा (मूल अंग्रेजी से अनुवादित लेख) द्वारा लिखित
5 मिनट पढ़ेPublished on
फरवरी 2020 में जेहान दारूवाला को रेड बुल जूनियर टीम का ड्राइवर घोषित किया गया था, जो उन्हें उनके F1 सपने के एक कदम और नज़दीक ले गया था.
रेड बुल जूनियर टीम ने चार बार वर्ल्ड चैंपियन बना सेबेस्टियन वेटेल, मैक्स वरस्टैपन, डेनियल रिर्काडो के अलावा और भी कई ड्राइवर्स की तकदीर बनाने में अहम रोल निभाया है. 2020 F1 सीज़न के रेड बुल रेसिंग और स्कूडेरिया एल्फा तौरी के वर्तमान ड्राइवर भी रेड बुल जूनियर टीम का हिस्सा रहे हैं.
इसके साथ ही भारत के सिर्फ दो F1 ड्राइवर्स नरेन कार्तिकेयन और करुण चंडोक ही हैं जिन्हें अतीत में टीम के द्वारा समर्थन दिया गया था. जेहान इन्हीं के नक्शेकदम पर चलकर फार्मूला वन में तीसरे भारतीय बनने की उम्मीद कर रहे हैं.
2020 सीज़न के दौरान वह F2 में कार्लिन टीम के साथ जुड़ेंगे. हमने उनके साथ सीज़न से पहले उनके करियर के बारे में चर्चा की कि कैसे आगामी रेसर्स उनके नक्शे कदम पर चलकर F 1 सीट हासिल कर सकते हैं.
अब हम आपको जेहान दारूवाला द्वारा प्रोफेशनल रेसर बनने के लिए बताए गए टिप्स के बारे में बताते हैं.

कार्टिंग में एक मजबूत नींव पर ध्यान दें

जेहन दारुवाला के अनुसार अगर कोई F1 ड्राइवर बनने का इच्छुक है तो उसे पांच से सात साल प्रतिस्पर्धी कार्टिंग में लगाना अनिवार्य है.
उन्होंने आगे बताया कि ‘कार्टिंग आपको सिंगल सीटर में आवश्यक रेसिंग कला सिखाने के लिए जरूरी है.
‘अगर आप कार्टिंग में बेहतरीन हैं तो इसका मतलब यह नहीं है की आप सिंगल सीटर में भी बेहतरीन होंगे. हालांकि अगर आपको सिंगल सीटर में अच्छा होना है तो आपके पास एक बहुत अच्छा कार्टिंग करियर होना चाहिए’.

यूरोपियन सर्किट के लिए जल्दी कदम उठाएं

जेहान दारूवाला बहरीन इंटरनेशनल सर्किट में F2 टेस्टिंग के दौरान एक तस्वीर के लिए पोज़ देते हुए.

जेहान दारूवाला

© जेम्स गैस्पेरोटी

जेहान यह मानते हैं कि भारतीय कार्टिंग प्रतिस्पर्धा बेहतरीन हैं, फिर भी उनके अनुसार हमें यूरोपीय सर्किट में प्रतिस्पर्धा करना F1 क्षमता का एक अच्छा संकेत है.
उन्होंने कहा ‘भारत में आपको 10 से 15 प्रतियोगी मिलेंगे. एशिया में यही संख्या 30 तक होगी और वहीं अगर आप यूरोप जाएंगे तो वहां अक्सर 60 से ज्यादा ड्राइवर की ग्रीड देखने को मिलती है. वह बताते हैं कि यूरोपीय कार्टिंग के शीर्ष 10 में नियमित रूप से रैंकिंग से पता चलता है कि आपके पास F1 सीट की क्षमता है.

एक अच्छा मेंटॉर खोजें

जेहान का कहना है कि हमारे पास एक अच्छा मेंटॉर होना बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वही आपको मोटर स्पोर्ट में ज्ञान और अनुभव की कमी के कारण अनजाने में होने वाले नुकसान से बचा सकते हैं.
वह कहते हैं कि मैं भाग्यशाली था कि भारत और एशिया में मेरे प्रारंभिक सालों में रेयोमेंड बेनेजी ने मेरा सहयोग किया.

एक अच्छी टीम में ही जाएं

जैसे ही आप कार्टिंग से सिंगल सीटर की ओर बढ़ते हैं, यह बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप एक सही टीम में जाएं. सिंगल सीटर सरंचना ऐसी है कि जूनियर टीम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले ड्राइवर के साथ काम करती है और बदले में उन्हें प्रतियोगिता में शीर्ष पर बने रहने में मदद मिलती है, जेहान के अनुसार यह एक स्व-पूर्ति की स्थिति है.
अगर आप एक अच्छी और बेहतर टीम में पहुंच जाते हैं, तब आपको अपने साथियों के रूप में बेहतरीन ड्राइवर रखने के लिए मानसिक रुप से तैयार रहने की आवश्यकता होती है. यह एक बहुत ही अच्छी स्थिति है क्योंकि आपको उसी टीम में ड्राइविंग सीखने को मिलती है और यदि आप अपने साथियों से तेज़ हैं तो आप F1 टीम वालों के द्वारा बहुत जल्दी ध्यान में आते हैं.

स्पॉन्सर के साथ अपना करियर सुरक्षित करें

जल्द से जल्द विकसित होने के अलावा, यूरोपीय प्रतियोगिताओं में जाने से आपके रेसिंग करियर को आसान बनाने में मदद मिल सकती है. क्योंकि यूरोप में मोटरस्पोर्ट्स का एक लंबा इतिहास है और अधिकांश यूरोपीय देशों में F3 और F2 दौड़ का सीधा प्रसारण किया जाता है. आप जैसे ही वहां रेसिंग शुरु कर देते हैं तो आपको यूरोप में ही स्पॉन्सर मिलने की संभावना अधिक हो जाती है.

अपने कौशल को तेज़ करने के लिए सिम्युलेटर पर काम करें

जब आप अभ्यास करना चाहते हैं तो एक सीटर में जाना हमेशा संभव नहीं हो पाता. जेहान ने हमें बताया कि इसलिए हमें सिम्युलेटर पर काम करना शुरु करना चाहिए क्योंकि यह हमारी काफी मदद करते हैं - खासकर अगर आप एक नया सर्किट सीखने की कोशिश कर रहे हैं जिस पर आपने पहले रेस नहीं लगाई है.
जेहान कहते हैं ‘कार्ट में वापस आने से कौशल में भी निखार आता है और यह हमेशा मजेदार होता है‘.

स्ट्रीट रेसिंग से दूर रहें

कोई भी पेशेवर रेसर कभी भी स्ट्रीट रेसिंग का समर्थन नहीं करता क्योंकि यह रेसिंग करियर के लिए खतरनाक और हानिकारक है. जेहान ने कहा कि स्ट्रीट रेसिंग गैर जिम्मेदार होती है और रेसिंग में सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण अंग है.
सड़क पर ड्राइविंग आपको रेस ट्रैक पर तेज़ होने के लिए कभी मदद नहीं करती इसलिए सड़कों पर गति बढ़ाने का प्रयास करने का कोई मतलब नहीं.

अपनी फिटनेस पर काम करते रहें

बहरीन इंटरनेशनल सर्किट में F2 टेस्टिंग के दौरान पोज़ देते जेहान दारूवाला.

जेहान दारूवाला

© जेम्स गैस्पेरोटी

जेहान ने कहा प्रोफेशनल रेसिंग में फिटनेस एक बहुत ही अहम हिस्सा है. आपको कार को संभालने के लिए शक्ति की ज़रुरत होती है और पूरे फोकस के साथ तेज गति पर कार को लंबे समय तक चलाने के लिए धीरज बहुत महत्वपूर्ण है.
वह आगे सलाह देते हैं कि जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, गर्दन की ताकत बढ़ाना जरूरी होता है क्योंकि बढ़िया फामूर्ला कारें तेज गति पर 3-4 जी तक खींचती है. जेहान स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के अलावा रनिंग, साइकलिंग और स्विमिंग के रुप में कार्डियो करते हैं.

जीवन में अनुशासन का दृढ़ता से पालन करें

भोजन के मामले में अनुशासन एक रेस कार चालक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. जेहान के मुताबिक फिट होना, पतला होना और मानसिक रुप से तेज़ होना, ड्राइवर को ट्रैक पर अलग-अलग स्थितियों से निपटने में मदद देते हैं. उनका कहना है कि मानसिक तेजी में मदद करने के लिए भोजन और पोषण बहुत उपयोगी हैं.

बलिदान के लिए हमेशा तैयार रहें

जेहान कहते हैं कि सबसे जरूरी है कि यदि एक प्रतिभाशाली ड्राइवर F1 में आना चाहता है तो उसे खेल के लिए समर्पित होना चाहिए.
आपको कभी-कभी छोटी उम्र में ही परिवार, घर और दोस्तों से दूर रहने के लिए भी खुद को तैयार करना पड़ता है. जेहान कहते हैं, सकारात्मक दृष्टिकोण और मानसिक शक्ति पर काम करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मोटरस्पोर्ट में बहुत सारे उतार-चढ़ाव शामिल हैं, कुछ ऐसे जो आपके नियंत्रण से बाहर हैं. इस प्रकार से यह हमेशा चीजों को सकारात्मक रूप से लेने, उनसे सीखने और आगे बढ़ने में मदद करता है.